PPF या पब्लिक प्रोविडेंट फंड भारत में प्रचलित सबसे लोकप्रिय सेविंग स्कीम्स (बचत योजनाओं) में से एक है। चूँकि इस योजना को केन्द्रीय सरकार द्वारा ऑफर किया जाता है तो इस योजना में निवेश किये गए पैसे व रिटर्न सुरक्षित व गारंटीड होते हैं।
PPF को अन्य बचत योजनाओं जैसे, वरिष्ठ नागरिक सुरक्षा योजना (SCSS), सुकन्या समृद्धि योजना व राष्ट्रीय बचत सर्टिफिकेट (NSC), आदि के साथ लॉन्च किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य छोटे निवेशकों को लाभ पहुँचाना है। इन योजनाओं में निवेश न्यूनतम 500 रुपये के साथ शुरु किया जा सकता है। PPF विशेष रुप से उन लोगों के लिए है जो सुरक्षित व गारंटीड रिटर्न वाली बचत योजनाओं की तलाश में हैं।
PPF टैक्स लाभ भी प्रदान करता है, क्योंकि यह छूट-छूट-छूट (EEE) श्रेणी के अंतर्गत आता है। इसका मतलब यह है कि पहले वर्ष, जिस वर्ष में PPF में निवेश किया गया है, में व्यक्ति को (धारा 80 सी के तहत) टैक्स में छूट मिलेगी। साथ ही, निवेश राशि के साथ PPF डिपॉज़िट पर अर्जित ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लगेगा।
PPF के लिए ब्याज दर हर तिमाही सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है। PPF की ब्याज दर वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही यानी पहली अप्रैल से 30 जून 2021 तक 7.1% तय की गई है।
PPF की विशेषताएं
- लॉक-इन अवधि: PPF 15 साल की लॉक-इन अवधि वाला एक लॉन्ग टर्म निवेश है। इसका मतलब यह है कि PPF खाते में जमा की गई राशि को मैच्योरिटी पर ही निकाला जा सकता है, जो कि 15 वर्ष है। ये अवधि पूरी होने पर इसे 5 साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है। समय से पहले विड्रॉल (पैसा निकालने) की अनुमति है लेकिन केवल इमरजेंसी में आप ऐसा कर सकते हैं
- PPF पर ब्याज: PPF बैलेंस पर ब्याज की कैल्कुलेशन हर महीने की जाती है और यह ब्याज राशि हर फाइनेंशियल वर्ष के अंत में PPF खाते में जमा की जाती है। सरकार द्वारा प्रत्येक तिमाही के लिए ब्याज दरों की घोषणा की जाती है। हर महीने, ब्याज राशि की कैल्कुलेशन हर महीने की 5 तारीख के बाद, महीने के आखिरी दिन तक के सबसे कम PPF बैलेंस पर की जाती है। इसलिए, PPF निवेशकों को प्रत्येक महीने की 5 तारीख से पहले अपने PPF खाते में कॉन्ट्रीब्यूशन करने की सलाह दी जाती है
- न्यूनतम और अधिकतम निवेश: व्यक्तियों को न्यूनतम 500 रुपये सालाना का निवेश करने की आवश्यकता होती है। व PPF खाते में एक फाइनेंशियल वर्ष में अधिकतम निवेश 1.5 लाख रुपये तक किया जा सकता है
- टैक्सेशन: PPF सर्वश्रेष्ठ टैक्स लाभ भी प्रदान करता है क्योंकि यह छूट-छूट-छूट (EEE) श्रेणी के अंतर्गत आता है। जिसका अर्थ है कि मूल राशि, मैच्योरिटी राशि और साथ ही अर्जित ब्याज पर टैक्स नहीं लगेगा
- PPF के बदले लोन: एक PPF खाता धारक अपने PPF बैलेंस के बदले लोन ले सकता है। हालांकि, खाता खोलने की तारीख से केवल तीसरे वर्ष की शुरुआत और छठे वर्ष के अंत के बीच ही यह लोन लिया जा सकता है। अधिकतम लोन राशि PPF बैलेंस के 25% तक लिमिटेड है ( दूसरे वर्ष के अंत में या लोन लागू होने वाले वर्ष में )।
योग्यता शर्तें
- केवल एक भारतीय निवासी ही PPF खाता खोल सकता है
- NRI, PPF खाता खोलने के लिए योग्य नहीं हैं। हालांकि, एक निवासी भारतीय जो खाता खोलने के बाद NRI बन गया है, वह मैच्योरिटी तक खाता जारी रख सकता है
- माता-पिता / अभिभावक अपने नाबालिग बच्चों के लिए भी PPF अकाउंट खोल सकते हैं
- जॉइंट अकाउंट और कई अकाउंट खोलने की अनुमति नहीं है
PPF खाता खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज़
यहां उन दस्तावेजों की एक लिस्ट दी गई है, जो कि PPF खाता खोलने के समय आवश्यक होते हैं:
- PPF खाता खोलने का फॉर्म- फॉर्म A (यह फॉर्म किसी भी बैंक से प्राप्त किया जा सकता है जो PPF खाता खोलने के लिए अधिकृत है)
- केवाईसी दस्तावेज –पहचान को वैरिफाई करने के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, या ड्राइविंग लाइसेंस
- ऐड्रेस प्रूफ
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट साइज़ फोटो
- नॉमिनी फॉर्म- फॉर्म E(यह फॉर्म किसी भी बैंक से प्राप्त किया जा सकता है जो PPF खाता खोलने के लिए अधिकृत है)
PF अकाउंट कैसे खोलें?
PPF खाता खोलने की सुविधा प्रदान करने वाले बैंक
इंडियन ओवरसीज़ बैंक | एक्सिस बैंक | स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | IDBI बैंक |
ICICI बैंक | बैंक ऑफ बड़ौदा | पंजाब नेश्नल बैंक | कॉर्पोरेशन बैंक |
ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स | बैंक ऑफ इंडिया | स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर | स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद |
इलाहाबाद बैंक | सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया | केनरा बैंक | यूनियन बैंक ऑफ इंडिया |
इंडियन बैंक | यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया | देना बैंक | विजया बैंक |
बैंक ऑफ महाराष्ट्र | स्टेट बैंक ऑफ पटियाला | स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर | स्टेट बैंक ऑफ मैसूर |
कृपया ध्यान दें: बैंक केवल बिचौलिये हैं जो PPF अकाउंट को खोलने में आपकी मदद करते हैं, जो धन आप जमा करते हैं वह अभी भी सरकार को जाता है, न कि किसी विशेष बैंक को
PPF अकाउंट ऑनलाइन कैसे खोलें?
यदि आपका निम्नलिखित बैंकों में किसी एक में खाता है, तो आप PPF खाता खोलने के लिए उनकी नेटबैंकिंग सेवा का उपयोग कर सकते हैं:
- अपने नेट बैंकिंग पोर्टल पर लॉग इन करें
- ‘Open a PPF Account’ विकल्प पर क्लिक करें
- ‘self account’ व ‘minor account’ का विकल्प चुनें
- आवश्यक जानकारी जैसे नॉमिनेशन, बैंक जानकारी आदि दर्ज करें
- स्क्रीन पर दिखाए गए अपने स्थायी खाता संख्या (पैन), आदि जैसी जानकारियों को वैरिफाई करें
- जानकारियों को वैरिफाई करने के बाद, वह राशि दर्ज करें जो आप अपने PPF खाते में जमा करना चाहते हैं
- आपको स्टैडिंग इंस्ट्रक्शन इनेबल करने के लिए कहा जाएगा, जो बैंक को निश्चित समय पर आपके अकाउंट से राशि कटौती करने में सक्षम बनाता है
- अपनी पसंद का विकल्प चुनने के बाद, आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा
- एक बार वैरिफिकेशन हो जाने के बाद, आपका PPF खाता खुल जाता है। आपको भविष्य में रेफरेंस के लिए स्क्रीन पर प्रदर्शित अकाउंट नम्बर को सेव करने की सलाह दी जाती है
- कुछ बैंक आपसे रेफरेंस नम्बर के साथ दर्ज की गई जानकारी की हार्ड कॉपी और संबंधित बैंक को अपने केवाईसी विवरण के साथ जमा करने के लिए भी कह सकते हैं
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि PPF खाता खोलने के लिए प्रत्येक बैंक की अपेक्षाकृत अलग प्रक्रिया हो सकती है।
PPF बैलेंस कैसे चेक करें?
यदि PPF खाता किसी बैंक की नेटबैंकिंग सेवा के माध्यम से खोला गया है, तो PPF बैलेंस आसानी से ऑनलाइन चेक किया जा सकता है:
- इस प्रकिया को शुरु करने से पहले ये सुनिश्चित करें कि आपका नेट बैंकिंग अकाउंट एक्टिव है
- अपने नेट बैंकिंग लॉग-इन आईडी व पासवर्ड के माध्यम से अपने PPF अकाउंट में लॉग-इन करें
- लॉग-इन करने के बाद, आपका वर्तमान PPF अकाउंट बैलेंस आपकी स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगा
- इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग करके अपने खाते में लॉग-इन कर के आप अपने खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर करने, अपने PPF खाते के लिए स्टैडिंग इंस्ट्रक्शन इनेबल करने, अपना अकाउंट स्टेटमेंट डाउनलोड करने और अपना PPF लोन आवेदन फॉर्म जमा आदि कर सकते हैं
PPF बैलेंस ऑफलाइन कैसे चेक करें?
अकाउंट बैलेंस को ऑफ़लाइन चेक करने के लिए निम्नलिखित तरीके का पालन करें:
बैंक PPF अकाउंट के लिए एक अलग पासबुक प्रदान करता है जिसमें आपके अकाउंट की बैलेंस राशि, अकाउंट नम्बर, बैंक शाखा, आपके खाते में क्रेडिट / डेबिट आदि की जानकारी दी जाती है। आप इस पासबुक को अपडेट करके अपने PPF अकाउंट की बैलेंस राशि की ऑफ़लाइन जांच कर सकते हैं।
- PPF पासबुक को समय-समय पर उस बैंक की शाखा में जाकर अपडेट किया जा सकता है जहाँ से आपने PPF खाता खोला था
- कुछ बैंकों ने बैंकों में ऑटोमेटेड पासबुक अपडेट मशीनें दी हैं। हालाँकि, आपको अपनी पासबुक अपडेट करवाने के लिए ऑपरेटिंग समय के दौरान बैंक जाने की आवश्यकता होती है
- एक बार अपडेट करने के बाद, आपकी PPF पासबुक में बकाया राशि के साथ सभी क्रेडिट / डेबिट ट्रांजेक्शन दिखेगी
यदि आपने डाकघर के माध्यम से PPF खाता खोला है, तो आपको अपनी पासबुक को अपडेट करने के लिए उस डाकघर जाने की आवश्यकता होगी।
PPF बैलेंस का विड्रॉल
PPF 15 साल की अनिवार्य लॉक-इन अवधि के तहत काम करता है। हालांकि, आपातकालीन मामलों में कुछ बैलेंस विड्रॉल किया जा सकता है। खाते से कुछ राशि को खाता खोलने के 6 वर्ष पूरा होने के बाद किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि खाता 15 फरवरी, 2013 को खोला गया था, तो फाइनेंशियल वर्ष 2018-19 के बाद से विड्रॉल किया जा सकता है। प्रति फाइनेंशियल वर्ष में केवल एक आंशिक विड्रॉल (कुछ ही पैसा निकालने) की अनुमति है। प्रति वर्ष में निकाली जा सकने वाली अधिकतम राशि निम्नलिखित में से कम होनी चाहिए है:
- वित्तीय वर्ष के अंत में उपलब्ध राशि का 50%, पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में उपलब्ध या
- जिस वर्ष में निकालना है उस से चार साल पहले मौजूदा बैलेंसका 50%, पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में उपलब्ध
- PPF खाते से आंशिक राशि निकालने के लिए फॉर्म C जमा किया जाना चाहिए
- जानकारी जैसे कि अकाउंट नम्बर, निकाले जाने वाली राशि आदि का उल्लेख किया जाना चाहिए
- एक डिक्लेरेशन जिसमें ये उल्लेख होना चाहिए कि उस फाइनेंशियल वर्ष के दौरान अकाउंट से कोई अन्य राशि नहीं निकाली गई है
- एसे मामले में, जहाँ अकाउंट नाबालिग के नाम पर है तो एक अतिरिक्त डिक्लेरेशन देनी होगी, जिसमें ये उल्लेख होना चाहिए कि राशि नाबालिग बच्चे के उपयोग के लिए आवश्यक है जो अभी भी नाबालिग है और जीवित है
- फॉर्म के साथ पासबुक भी जमा करनी होगी
PPF के बदले लोन
PPF के बदले लोन लेने की सुविधा अकाउंट खोलने के 3 वर्ष से लेकर छठे वर्ष तक उपलब्ध होती है। हालांकि पहला लोन बंद होने के बाद ही दूसरा लोन प्राप्त किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए, यदि PPF अकाउंट 1 जनवरी, 2012 (फाइनेंशियल वर्ष 2011-12) को खोला जाता है, तो जिस फाइनेंशियल वर्ष में अकाउंट खोला गया था, उसकी समाप्ति 31 मार्च, 2012 है। इसलिए, लोन 1 अप्रैल 2013 (फाइनेशियल वर्ष) से लिया जा सकता है। फाइनेंशियल वर्ष 2014 – 15 से लेकर से पांच साल 31 मार्च 2018 (फाइनेंशियल वर्ष 2017 – 18) तक लोन लिया जा सकता है। इस तरह के लोन की अधिकतम अवधि 36 महीने होती है।
- PPF के बदले लोन लेने के लिए फॉर्म D जमा किया जाना चाहिए
- फॉर्म में अकाउंट नम्बर, उधार ली जा रही राशि आदि
- PPF अकाउंट में जितनी राशि अकाउंट खोलने के दूसरे वर्ष में अकाउंट में मौजूद थी उसके 25%
- उपरोक्त उदाहरण में, यदि निवेशक अप्रैल 2013 में लोन लेना चाहता है, तो अधिकतम लोन राशि जो प्राप्त किया जा सकता है, वह 31 मार्च 2012 को बैलेंस राशि का 25% है।
लोन पर ब्याज
- PPF के बदले लिए गए लोन पर देय ब्याज दर प्रचलित ब्याज दर से 2% अधिक होती है। उदाहरण के लिए, यदि प्रचलित ब्याज दर 8% है, तो ऐसे में PPF पर लिए गए लोन पर देय ब्याज 10% होगा
- 30 नवंबर, 2011 से पहले, यह दर प्रचलित ब्याज दर से 1% अधिक थी। इसलिए, उक्त तिथि से पहले लिए गए लोन के मामले में, ब्याज दर मौजूदा दर से 1% अधिक होगी
- EMI में मूल राशि के साथ ब्याज का भुगतान नहीं किया जाता है
- एक बार मूल राशि पूरी के भुगतान के बाद 2 महीने के भीतर ब्याज चुकाना पड़ता है
- यदि लोन 36 महीनों के भीतर चुकाया नहीं जाता है, तो लोन की मौजूदा ब्याज दर से 6% अधिक ब्याज लिया जाता है
PPF नॉमिनेशन
नॉमिनेशन एक या एक से अधिक व्यक्तियों के पक्ष में किया जा सकता है। एसे मामलों में, जहाँ एक से अधिक व्यक्ति को नॉमिनी के रूप में नियुक्त किया जाता है, तो प्रत्येक नॉमिनी का प्रतिशत हिस्से का उल्लेख किया जाना चाहिए।
- नाबालिग PPF खाते के लिए नॉमिनेशन नहीं किया जा सकता है
- खाताधारक के माता-पिता, पति, रिश्तेदार, बच्चे, दोस्त आदि को नॉमिनेट किया जा सकता है
- PPF अकाउंट में नॉमिनी एड करने के लिए खाता धारक को फॉर्म E जमा करना होगा
- अकाउंट अवधि के दौरान किसी भी समय नॉमिनेशन किया जा सकता है। नॉमिनेशन में परिवर्तन, केन्सेलेशन फॉर्म F के माध्यम से किया जा सकता है
- नॉमिनेशन फॉर्म को खाताधारक और दो गवाहों द्वारा हस्ताक्षरित करना होगा। नॉमिनी के हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है
- विधिवत भरे जाने के बाद, फॉर्म को उपयुक्त बैंक / डाकघर की शाखा में जमा किया जाना चाहिए
PPF ट्रांसफर
PPF अकाउंट को बैंक से पोस्ट ऑफिस या इसके विपरीत ट्रांसफर किया जा सकता है। इसे एक ही बैंक की विभिन्न शाखाओं के बीच भी ट्रांसफर किया जा सकता है।
बंद PPF अकाउंट को खोलना
अगर PPF अकाउंट में प्रति वर्ष 500 रुपये का न्यूनतम योगदान नहीं किया जाता है तो PPF अकाउंट निष्क्रिय हो जाता है, एसे निष्क्रिय PPF अकाउंट को फिर से खोलने का तरीका निम्नलिखित है ,
- अकाउंट को पुन: एक्टिव करने की एप्लीकेशन डाकघर या बैंक शाखा में जमा की जानी चाहिए जहां अकाउंट आधारित है
- प्रत्येक वर्ष के लिए 50 रुपये के जुर्माने का भुगतान करना होगा
PPF अकाउंट को बंद करना
PPF अकाउंट को अकाउंट खोलने से 5 वर्ष से पहले बंद करने की अनुमति नहीं है। इसके बाद इसे केवल विशिष्ट आधारों पर बंद किया जा सकता है जैसे कि खाताधारक, पति या पत्नी, आश्रित बच्चों या माता-पिता को प्रभावित करने वाली खतरनाक बीमारियां। इन आधारों पर क्लेम करने के लिए मेडिकल दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
PPF अकाउंट की अवधि बढ़ाना
PPF अकाउंट 15 वर्षों के बाद मैच्योर होता है जिसमें मैच्योरिटी के समय, व्यक्ति के पास अवधि को 5 साल की ब्लॉक के साथ बढ़ाने का विकल्प होता है:
योगदान के साथ PPF का एक्सटेंशन: एक ग्राहक PPF अकाउंट की अवधि को 5 साल के ब्लॉक में अनिश्चित काल तक बढ़ा सकता है। ग्राहक को फॉर्म H जमा करके योगदान के साथ, अकाउंट के एक्सटेंशन का रिक्वेस्ट करना होगा।
- योगदान के साथ एक्सटेंशन का चुनाव मैच्योरिटी की तारीख से एक वर्ष के भीतर किया जाना चाहिए, अन्यथा, योगदान के बिना एक्सटेंशन का डिफ़ॉल्ट विकल्प लागू होता है
- एक बार जब योगदान के साथ एक्सटेंशन किया जाता है, तो अकाउंट एक्सटेंशन की तारीख तक बैलेंस राशि का अधिकतम 60% विड्रॉल किया जा सकता है
- यह राशि एक बार में निकाली जा सकती है या कई वर्षों में बाँटा जा सकता है
- एक वर्ष में अधिकतम एक विड्रॉल किया जा सकता है
योगदान के बिना PPF का एक्सटेंशन: यदि कोई विकल्प नहीं चुना जाता है, तो डिफ़ॉल्ट विकल्प योगदान के बिना एक्सटेंशन लागू हो जाता है।
- इस विकल्प को चुनने के लिए आपको कोई फॉर्म भरने की आवश्यकता नहीं होती है
- प्रति वर्ष अधिकतम एक विड्रॉल की अनुमति है और खाते में कुल बैलेंस तक की किसी भी राशि को निकाला जा सकता है
एक बार पीपीएफ खाते के रिन्यू हो जाने के बाद, विकल्प को बदला नहीं जा सकता है, अर्थात् बिना योगदान के या इसके विपरीत
यदि सही विकल्प का चयन किए बिना खाते में राशि जमा की जाती है, तो ऐसी राशि पर कोई ब्याज देय नहीं होगा। साथ ही, इनकम टैक्स एक्ट के तहत इस तरह के योगदान पर कोई छूट उपलब्ध नहीं होगी।